द्वारका (Dwarka), भगवान् श्रीकृष्ण की नगरी, यहां घूमने जाना मतलब मेरे श्रीकृष्ण से मिलने जाना, श्रीकृष्ण के घर जाना, अपने घर जाना।
द्वारका सिर्फ घूमने लायक स्थल नहीं है पर यह एक आध्यात्मिक स्थल हैं, लोग यहां बड़ी श्रद्धा से आते हैं, प्रभु के दर्शन करते हैं, अपने जीवन की सुख दुःख प्रभु को कहते हैं और उनके आशीर्वाद लेकर, एक उत्साह लेकर वापस अपने घर लौट जाते हैं।

द्वारका में प्रभु श्रीकृष्ण के दर्शन करना यानि अपने जीवन में ढेर सारा उमंग और उत्साह भरना। भारत के चार पवित्र यात्रा स्थान में से एक गुजरात में स्थित द्वारका की विजिट जीवन में एकबार जरूर करनी चाहिए।
द्वारका में घूमने लायक सुंदर प्लेसिस (Beautiful places to visit in Dwarka Gujarat)
द्वारका एक धार्मिक नगरी के साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर घूमने लायक टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी है। यहां पर घूमने लायक बहुत सारे स्थल हैं जिसे आप अपनी समय अनुकूलता के हिसाब से दो से तीन दिन में कवर कर सकते हो।
द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish mandir)

द्वारका यानि प्रभु श्रीकृष्ण का घर और प्रभु के दर्शन करने हो तो चले जाइए द्वारकाधीश मंदिर में। यह 5 मंजिला मंदिर इशू क्राइस्ट से 200 साल पुराना है। इसका पुनःर्निर्माण 15 वीं शताब्दी में हुआ था ऐसा माना जाता है।
महाभारत के समय की द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई थी और इसके अवशेष भी आज मिले हैं।
द्वारकाधीश मंदिर को जगत मंदिर भी कहते हैं जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन हेतु मंदिर अलग अलग समय खुला रहता है। हम तो जल्दी उठकर सुबह में 6 बजे ही दर्शन करने पहुंच गए थे इसलिए भीड़ भी कम थी।
श्रीकृष्ण के दर्शन और वह भी द्वारका मंदिर में करके जीवन में शांति का अनुभव हुआ। भगवान के आशीर्वाद लेकर हम मंदिर से बाहर आ गए।
गोमती नदी घाट (Gomti nadi ghat)

भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करके सीधे आप गोमती नदी के किनारे पहुंच जाइए। यह घाट बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर बहुत लंबा और सुंदर वॉकिंग पाथ भी बना हुआ है। चलते चलते गोमती नदी और द्वारकाधीश मंदिर का सुंदर नजारा भी देखने को मिलता है।
इसी घाट में सुरक्षित जगह पर आप नहा भी सकते हैं। गोमती घाट में स्नान करने का बहुत महत्व है। घाट पर चलते चलते आगे तक जा सकते हैं जहां गोमती नदी अरेबियन समुद्र में मिलती है।
द्वारका बीच (Dwarka beach)
गोमती नदी जहां समुद्र से मिलती है वहीं गोमती घाट के बीच है जिसे द्वारका बीच भी कहते हैं। यहां पर समुद्र के किनारे बैठकर सुंदर वातावरण का आनंद लें सकते हैं।
रुक्ष्मणि मंदिर (Rukmini Mandir)

भगवान् श्रीकृष्ण की प्रथम पत्नी रुक्मिणी देवी का मंदिर द्वारकाधीश मंदिर से 3 किलोमीटर दूर है। इसकी कहानी भी रोचक है। कहा जाता है कि दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण रुक्मिणी देवी को श्रीकृष्ण से 12 साल तक दूर रहना पड़ा है। इसी स्थान पर रुक्मिणी देवी का मंदिर है और इसके दर्शन करने जरूर जाना चाहिए। रुक्मिणी देवी के दर्शन के बिना आपकी यात्रा अधूरी है ऐसा माना जाता है।
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Nageshwar Jyotirling Mandir)
“नागेशं दारूकावने” भारतीयों के लिए धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंग में से आठवें स्थान पर है। यह ज्योतिर्लिंग द्वारका से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में माना जाता है और इसका निर्माण कई बार हुआ है। मंदिर का आर्कियोलॉजिकल निर्माण गुजराती शैली में किया हुआ है।
भगवान् भोलेनाथ के दर्शन यहां पर करके आप धन्यता अनुभव करेंगे। यहां पर शिवजी पर आप जलाभिषेक भी कर सकते हो। लेकिन इसके लिए आपको अलग से पर्ची निकालकर लाइन में लगना होगा।
शिवलिंग पर चांदी का कवर चढ़ा हुआ रहता है जो खास समय पर अभिषेक के लिए निकाल दिया जाता है। अपने जीवन में एकबार सारे ज्योतिर्लिंग के दर्शन अवश्य करना चाहिए जिनमें नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भी शामिल हैं।
गोपी तालाब (Gopi talab)
द्वारकाधीश मंदिर से 22 किलोमीटर और श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर गोपी तालाब है। गोपी तालाब तीर्थधाम 5000 सालों से भी पुराना है। इसकी कहानी महाभारत के समय से जुड़ी हुई है।
जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब अर्जुन को यह अहंकार आ गया कि उसके जैसा धनुर्धर इस दुनिया में कोई नहीं है। अर्जुन के इस घमंड को दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने लीला रचाई।
भगवान श्री कृष्ण ने 16000 गोपियां बनाई और अर्जुन को कहा कि उन्हें द्वारका से मथुरा छोड़कर आए। जब अर्जुन गोपियों को लेकर मथुरा जा रहा था जब रास्ते में सुंदर तालाब देखकर सभी गोपियां उनमें नहाने चली गई। तब भगवान ने अपनी लीला से कुछ भील उत्पन्न किए जो अर्जुन को लूटकर चले गए।
अर्जुन को लूटता हुआ देखकर सभी गोपियां डर गई और तालाब में समा गई और वहीं पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। तभी से इस तालाब का महत्व है।
इस तालाब से जो मिट्टी निकलती हैं उसे गोपी चंदन भी कहते हैं। इस गोपी चंदन को आप यहां से खरीद भी सकते हो। गोपी तालाब के पास श्री गोपीनाथ मंदिर है जिसे अर्जुन कुंड के नाम से भी जाना जाता है।
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बेट द्वारका (Beyt Dwarka)
गोपी तालाब से आप सीधे बेट द्वारका जा सकते हो जो 22 किलोमीटर दूर है और द्वारका से बेट द्वारका की दूरी 35 किलोमीटर की है। बेट द्वारका को प्रभु श्रीकृष्ण की मुख्य भूमि या घर भी कहा जाता है।
बेट द्वारका को भेट द्वारका भी कहा जाता है। यहां पर ही श्रीकृष्ण की सुदामा से भेट हुई थी। यहां पर भी द्वारकाधीश मंदिर है। कहा जाता श्रीकृष्ण ज्यादातर यही बेट द्वारका में रहते थे। मंदिर सुबह 7:30 से 12:30 तक और शाम को 4 से 8 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
बेट द्वारका अन्य स्थल भी है जिन्हें आपको जरूर विजिट करना चाहिए। उनमें से एक है हनुमान जी का मंदिर जिन्हें हनुमान दांडी और मकरध्वज मंदिर भी कहा जाता है। यहां पर हनुमानजी के साथ उनके पुत्र मकरध्वज की भी मूर्ति है। पूरे भारत में हनुमानजी के पुत्र का यह एकमात्र मंदिर है। यह मंदिर द्वारकाधीश मंदिर से 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
हनुमान दांडी से 1 किलोमीटर की दूरी पर चौराची धोनी है जहां पर 84 साधुओं ने तपस्या की थी। यहां का अग्निकुंड पवित्र माना जाता है।
बेट द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर से दो मिनट की वॉकिंग दूरी पर है सोने की द्वारिका। यहां भगवान् श्रीकृष्ण की सारी लीलाओं और अवतारों को प्रदर्शित किया गया है। यह एक म्यूजियम टाइप है और बहुत अच्छा है। इसकी एंट्री फि 40 रुपए है। आप यहां पर भी जा सकते हो।
पहले बेट द्वारका बोट में बैठकर जाना पड़ता था। लेकिन अब यहां पर समुद्र में सुदर्शन सेतु बनाया गया है जो बहुत बड़ा केबल ब्रिज है। इस ब्रिज के जरिए आप अपनी गाड़ी लेकर भी बेट द्वारका जा सकते हो।
शिवराजपुर बीच (Shivrajpur Beach)

शिवराजपुर बीच श्री द्वारकाधीश मंदिर से 14 किलोमीटर की दूरी पर है और इसे शिवराजपुर ब्लू फ्लैग बीच भी कहा जाता है। यह बीच गुजरात के सबसे क्लीन बीच में से एक ब्ल्यू वॉटर बीच है।
यहां पर पार्किंग की बड़ी सुविधा है और बड़ा सा गार्डन भी है। इस बीच पर बहुत सारी वॉटर एक्टिविटी होती हैं जिनमें स्कूबा डाइविंग भी आप यहां कर सकते हो। यहां की वॉटर एक्टिविटी दूसरे डेस्टिनेशन जैसे कि गोवा से सस्ती है इसीलिए इसका आनंद जरूर लीजिए। यह बहुत ही खूबसूरत बीच है और यहां पर जरूर जाना चाहिए।
शिवराजपुर बीच पर आप वॉटर एक्टिविटी के साथ अगर शाम के समय गए तो तो सूर्यास्त का आनंद भी उठाएं। सूर्यास्त के समय यहां का नज़ारा भी खूबसूरत होता है।
द्वारका सनसेट प्वाइंट और भटकेश्वर महादेव मंदिर (Dwarka Sunset point and Bhatkeshwar Mahadev Mandir)
द्वारका में सनसेट का आनंद लेने के लिए दो पॉइंट हैं। एक आप सनसेट देखने भटकेश्वर महादेव मंदिर जा सकते हो और दूसरी जगह है शिवराजपुर बीच। भटकेश्वर मंदिर से सूर्यास्त का बहुत ही सुंदर और मनोहर नजारा दिखाई देता है। साथ में आप यहां मंदिर में महादेव के दर्शन भी कर सकते हैं।
भटकेश्वर महादेव मंदिर द्वारकाधीश मंदिर से करीब दो किलोमीटर दूर है। इस सनसेट प्वाइंट को द्वारका चौपाटी के नाम से भी जाना जाता है।
तो द्वारका में यह सब घूमने लायक खूबसूरत जगह की लिस्ट थी। आशा करता हूं कि आपकी द्वारका की यात्रा सुखद और शुभ रहे। द्वारका कैसे पहुंचे इसके लिए मैने अलग से लेख लिखा है जिसे आप यहां से पढ़ सकतें हैं।