“श्याम कभी तो आओ सौराष्ट्र में, तुझे स्वर्ग भी भुला दूं” सौराष्ट्र (Gujarat ka Saurashtra) के बारे में ऐसा यूंही नहीं कहा जाता, क्योंकि यहां के लोगों के दिलों की दरियादिली आपको स्वर्ग भी भुला देगी। सौराष्ट्र के लोग बहुत भावुक हैं और मेहमानों को भगवान की तरह मानकर उनका बहुत ही अच्छा ख्याल रखते हैं।
गुजरात का ऐसा सौराष्ट्र घूमने के लिए भी एक अच्छा स्थान बन जाता है। कल्चरल हेरिटेज के साथ धार्मिक स्थलों, अच्छे अच्छे लैंडस्केप और बीच की खूबसूरती और साथ में गिर के शेर आपके सौराष्ट्र टूर को यादगार बना देते हैं।
सौराष्ट में देखने लायक बेस्ट प्लेस
सौराष्ट में ऐतिहासिक, प्राकृतिक के साथ बहुत सारे धार्मिक स्थल भी शामिल हैं। आइए इनकी जानकारी लेते हैं।
द्वारका

सौराष्ट्र की यात्रा आप प्रभु श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका से शुरू कर सकते हो। द्वारका अहमदाबाद से 450 किलोमीटर दूर है और यहां पर कार लेकर या फिर ट्रेन से भी पहुंच सकते हो।
गोमती नदी के किनारे बसा द्वारका शहर भगवान श्रीकृष्ण का घर है। यहां पर श्रीकृष्ण का बहुत ही भव्य मंदिर है जहां पर आप आध्यात्मिक शांति का अनुभव जरूर करें। इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने हेतु बहुत भीड़ होती है। इसीलिए कम भीड़ में दर्शन करने के लिए सुबह जल्दी उठकर मंदिर चले जाइए।
द्वारका में रुकने के लिए बहुत सारे सस्ते से लेकर लग्जरियस होटल भी मिल जाते हैं। साथ में रात गुजारना के लिए बहुत सारे ट्रस्ट के विकल्प भी हैं।
द्वारका गए हो तो बेट द्वारका, रूक्मणी मंदिर, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग और शिवराजपुर बीच भी घूमकर आना चाहिए। यह सब बहुत ही अच्छी जगह है। साथ में यहां स्कूबा डाइविंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हो। जिंदगी में एकबार भगवान श्रीकृष्ण की नगरी को देखने जरूर जाना चाहिए।
पोरबंदर
सौराष्ट्र में महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर द्वारका से 100 किलोमीटर और अहमदाबाद से 400 किलोमीटर दूर है। पोरबंदर में देखने लायक बहुत सारे स्थल हैं जिसमें कीर्ति मंदिर सब जाते हैं जो महात्मा गांधी का जन्मस्थान है। कीर्ति मंदिर में गांधीजी के जीवन के बारे में बहुत सारी जानकारी दी हुई है।
चौपाटी बीच या पोरबंदर बीच पर जा सकते हो। यहां बहुत सारे टूरिस्ट शांति से बीच के मजे लेने आते हैं।
बाद में आप श्री हरि मंदिर जिसे सांदीपनि मंदिर के नाम से भी जाना जाता है वहां पर दर्शन के लिए जा सकते हो। यह मंदिर सौराष्ट्र के भव्य और यूनिक मंदिरों में से एक है।
श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा को समर्पित सुदामा मंदिर क्षत्रियों के लिए एक आस्था का स्थान है। खासकर नई शादी हुई राजस्थानी क्षत्रिय कपल इस मंदिर दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर की विजिट भी जरूर करनी चाहिए।
इसके बाद जांबवान केव पर भी जाना चाहिए। यह केव रामायण और महाभारत से जुड़े चरित्र जांबवान से जुड़ी हुई हैं। यहां पर रेत से बना शिवलिंग है।
इसके अलावा हरसिध्दी मंदिर और हजूरी पैलेस की विजिट करने भी बहुत सारे टूरिस्ट आते हैं।
पोरबंदर से आप सीधे सोमनाथ चले जाइए। रास्ते में माधवपुर बीच आता है। यह बीच हाइवे पर ही है। इसीलिए कार ड्राइविंग के दौरान इस बीच का मनोहर दृश्य आपको दिखाई देगा। कार साइड में लगाकर इस बीच की मुलाकात थोड़ी देर कर ले। यहां का समुद्र तूफानी है इसीलिए माधवपुर बीच में नहाने का साहस न करें।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

पोरबंदर से सीधे सोमनाथ आ जाइए जो 130 किलोमीटर दूर है। बारह ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है जो अहमदाबाद से 515 किलोमीटर दूर है। हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक स्थान सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित है और जीवन में एक बार यहां जरूर आना चाहिए।
भगवान शिवजी के दर्शन करके आप बीच पर जा सकते हैं। बीच पर आप साइक्लिंग जैसी एक्टिविटी कर सकते हैं और यहां पर नारियल पानी भी फ्रेश और बहुत अच्छा मिलता है जिसका मज़ा ले सकते हो।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर प्रभास पाटण तीर्थ क्षेत्र है जहां पर भगवान श्रीकृष्ण का देह त्याग हुआ है। यहां मंदिर में जिस वृक्ष के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अंतिम सांसे ली थी वह आज भी मौजूद है।
सोमनाथ घूमने के बाद आप दीव भी जा सकते हो या फिर सासण गीर भी जा सकते हो।
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दीव

दीव एक यूनियन टेरिटरी है लेकिन यहां गुजरात की झलक दिखती है। पूरा दीव बेहद ही सुंदर है और आप यहां दो दिनों भी आराम से बीता सकते हो। पूरे गुजरात में आपको खाना और रहना सस्ते और रीजनेबल भाव में मिलेगे लेकिन दीव में यह थोड़ा सा महंगा होगा।
दीव में घूमने लायक बहुत सारे टूरिस्ट स्पॉट हैं। सबसे ज्यादा लोग नागोआ बीच घूमने जाते हैं। यहां पर आपको बीच में नहाने का वॉटर एक्टिविटी करने का भी मज़ा आएगा। नागोआ बीच के नजदीक ही डायनासोर पार्क बनाया गया है जो बहुत सुंदर है और बच्चों को बहुत अच्छा लगता है।
फिर दीव में आप सेंट पॉल चर्च में भी जा सकते हो जो बहुत पुराना चर्च है। चर्च के नजदीक ही दीव मार्केट है जहां पर आप शॉपिंग हेतु जा सकते हो।
उसके बाद आप दीव फोर्ट घूमने चले जाओ। यह ऐतिहासिक किला बहुत सुंदर और बड़ा भी है। जल्दी जल्दी घूमने के लिए भी आपको 2 से 3 घंटे लगेंगे।
फिर आपको गंगेश्वर महादेव मंदिर जाना ही चाहिए। कहा जाता है कि यहां पर पांडवों ने भगवान महादेव की पूजा की थी। इस मंदिर पर समुद्र के किनारे पर ही 5 शिवलिंग है जिस पर समुद्र की लहरों से अभिषेक होता हैं। जब समुद्र की लहरें शिवलिंगों को छूती हैं तब का दृश्य मन को प्रफ्फुलित कर देने वाला होता हैं।
फिर आइएनएस खुकरी म्यूजियम देखने चले जाओ। यह मैरीटाइम म्यूजियम है और बच्चों को यहां पर अच्छी एजुकेशनल जानकारियां मिलती है।
जलंधर बीच के पास आइएनएस खुकरी मेमोरियल पार्क भी बनाया गया है। आइएनएस खुकरी म्यूजियम और आइएनएस खुकरी मेमोरियल पार्क दोनों अलग हैं और अलग अलग जगह पर हैं इसका ध्यान जरूर रखें। यह छोटी सी ऊंचाई पर बनाया गया सुंदर बीच गार्डन है जहां पर आइएनएस खुकरी के मॉडल को रखा गया है।
इसके अलावा जलंधर बीच, घोघला बीच, नायडा केव्स आदि कई सारे स्थल हैं जिसकी मुलाकात समय के हिसाब ले सकते हो।
गीर नेशनल पार्क

गुजरात में घूमने गए हो और गीर नेशनल पार्क नहीं गए तो आपका सौराष्ट्र टूर अधूरा है। गीर नेशनल पार्क जिसे सासण गीर भी कहते हैं वह एशियाटिक लायन का एकमात्र घर है।
यह पूरा जंगल आप सफारी बुक करके घूम सकते हो जिसमें आपको शेर सहित अन्य पशु, प्राणी, पक्षी अपने नेचुरल हैबिटेट में देखने को मिल जायेंगे। आप अपनी सफारी सुबह में जल्दी बुक करें। अर्ली मॉर्निंग में शेर पानी पीने बाहर निकलते हैं। दोपहर के बाद गर्मी ज्यादा होती है तो शायद शेर आपको देखने को न मिले।
जूनागढ़
जूनागढ़ एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है जो पवित्र गिरनार पर्वत की वजह से खासकर जाना जाता है। गुजरात के लोग गिरनार परिक्रमा को बहुत धार्मिक महत्व देते हैं जो 3 दिन की होती है और दिवाली के कुछ दिनों बाद शुरू होती है।
जूनागढ़ में कई सारे घूमने लायक स्थल हैं। अम्बे माता का मंदिर और दत्तात्रेय मंदिर पवित्र धार्मिक स्थान है। दातार हिल ऊंचाई पर है जो पवित्र मुस्लिम धार्मिक स्थान है। हिल के ऊपर से पूरे इलाके का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।
शक्करबाग जू जूनागढ़ में देखने लायक प्राणीसंग्रहालय है जो बहुत बड़ा है। महाबत मकबरा वास्तुकला का खूबसूरत नमूना है जो देखने लायक है। जूनागढ़ घूमने जाने वाले ऊपरकोट फोर्ट घूमने जरूर आते है जो 2300 साल पुराना किला है। इस किल्ले में अड़ी कड़ी वाव और नवघन वाव भी हैं जो एक ही पत्थर से काटी गई स्टेप वेल है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए वेलिंग्टन डैम घूमने लायक है तो धर्म प्रेमियों के लिए दामोदर कुंड और जटाशंकर महादेव मंदिर जैसे शांति के स्थल भी हैं। इसके अलावा आप गुजरात के प्रख्यात कवि और श्रीकृष्ण के भक्त ऐसे नरसिंह मेहता का चौरा और अशोक के अध्यादेश देखने भी जा सकते हो। हर साल लाखों लोग जूनागढ़ घूमने आते हैं।
पालीताणा

पालीताणा जैन लोगों के लिए एक पवित्र शहर है और यहां 900 से अधिक मंदिर है इसीलिए पालीताणा को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। शत्रुंजय पर्वत की चोटी पर जैन मंदिर है और कहा जाता है कि जो भी जैन है उसे जीवन में एक बार यहां जरूर आना चाहिए।
जैन के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ने यही शत्रुंजय पर्वत पर तपस्या की थी और बाद में यही पर मंदिर बनाया गया। हर साल दुनिया के अलग अलग जगह से यहां जैन धर्म के लोग श्रद्धा से आते हैं। पर्वत के ऊपर से शत्रुंजय डैम और पूरे एरिया का मनोहर दृश्य दिखाई देता है।
सौराष्ट्र का टूर आस्था की यात्रा है और इतिहास के पन्नो को उजागर करने के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का टूर है। गुजरात के सौराष्ट्र में एक बार जरूर आइए।