महाबलेश्वर घूमने गए हो और यहां की स्ट्रॉबेरी नहीं खाई ऐसा कैसे हो सकता है?? महाबलेश्वर अपनी स्ट्रॉबेरी के लिए बहुत ही फैमस है। यहां घूमने आने वाले लोग स्ट्रॉबेरी अवश्य खाते हैं। साथ में यहां पर मलबेरी, रास्पबेरी, और गूसबेरी भी बहुत मिलती है। पूरे भारत में मिलने वाली स्ट्रॉबेरी में से 80% से भी अधिक स्ट्रॉबेरी महाबलेश्वर में ही ग्रो होती है।

महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी कैसे आयी
स्ट्रॉबेरी की सबसे ज्यादा खेती महाबलेश्वर में होती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि स्ट्रॉबेरी सहित जितनी भी बेरीज फ्रूट है वे सब भारत के नहीं हैं!! जी हां! आपने सही सुना। स्ट्रॉबेरी भारत का मूल फल नहीं है। ब्रिटिश राज के दौरान भारत में स्ट्रॉबेरी सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया से लाई गई थी।
फिर महाबलेश्वर का तापमान जो 13 से 26 डिग्री से कम रहता है और यहां की लाल मिट्टी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुकूल थी। इसीलिए बाद में स्ट्रॉबेरी की खेती यहां पर शुरू हुई। बाद में स्ट्रॉबेरी की बहुत सारी वैरायटी भी ग्रो किए जाने लगी। आज भी स्ट्रॉबेरी के मदर पौधे विदेश से मंगवाए जाते हैं। आज कल यह पौधे खासकर कैलिफोर्निया से आते हैं। फ़िर इस मदर पौधे से स्ट्रॉबेरी की खेती सितंबर महीने के बाद की जाती है।
स्ट्रॉबेरी हार्वेस्टिंग का समय
स्ट्रॉबेरी फ्रूट के हार्वेस्टिंग का समय अक्टूबर-नवंबर से लेकर अप्रैल तक रहता है। वाई, महाबलेश्वर, पंचगनी के पहाड़ी विस्तार में ज्यादातर स्ट्रॉबेरी की खेती होती हैं। 50% से ज्यादा स्ट्रॉबेरी की वैरायटी कैलिफोर्निया की स्वीट चार्ली वैरायटी से है। स्ट्रॉबेरी से जाम, आइसक्रीम और महाबलेश्वर की जान ऐसी स्ट्रॉबेरी विथ क्रीम जैसी खाने की आइटम्स बनाई जाती है।
महाबलेश्वर टूर के दौरान हम भिलार गांव में स्थित एक्जोटिक रिसॉर्ट में रुके थे। यहां पर भी स्ट्रॉबेरी के गार्डन थे। लेकिन स्ट्रॉबेरी की सीजन नहीं थी इसीलिए पौधे में फ्रूट्स नहीं थे। लेकिन इस रिसॉर्ट में मलबेरी के बहुत सारे पैड थे और मलबेरी भी पैड पर बहुत सारी थी। इसीलिए मलबेरी खाने के मज़े हमनें इस रिसॉर्ट में बहुत लिए।
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स्ट्रॉबेरी खेत में विजिट
महाबलेश्वर की ट्रिप के दौरान आप भी यहां के स्ट्रॉबेरी खेत में विजिट कर सकते हो और अपने हाथों से स्ट्रॉबेरी को तोड़कर खा सकते हो। साथ में यहां पर मैप्रो गार्डन, बगीचा कॉर्नर, स्ट्रॉबेरी गार्डन जैस कई सारे रेस्टोरेंट हैं जहां पर यहां का फेमस स्ट्रॉबेरी विथ क्रीम मिलता हैं, जिसे टेस्ट करना बिल्कुल भी मत भूलना।
महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी की खेती से यहां के लोकल लोगों को बहुत सारा सपोर्ट मिलता हैं और पहले से उनकी स्थिति भी बहुत अच्छी है। तो यह थी महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी का इतिहास और उसकी खेती के बारे में। महाबलेश्वर टूर के दौरान हमारा एक्सपीरियंस हमनें बहुत सारे लेख लिखा है जिसे आप जरूर पढ़िए।