अगर आप ट्रेकिंग या हाइकिंग के शौकीन हो तो राजारानी वॉटरफॉल (Rajarani waterfall) का ट्रेक आपको एक यादगार अनुभव दे सकता है। गुजरात के पूर्णा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में यह वॉटरफॉल स्थित है। इसे पांडार वाटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है। गुजरात में राजरानी वॉटरफॉल ट्रेकिंग को मदर ऑफ ऑल ट्रेक भी कहा जाता है।

राजारानी या पांडार वॉटरफॉल कैसे पहुंचें? (Rajarani waterfall kaise pahuche)
राजारानी वॉटरफॉल (Rajarani waterfall) गुजरात के व्यारा जिले में पड़ता है। राजारानी वॉटरफॉल पहुंचने के लिए आपको केलवण गांव पहुंचना है। हालांकि इस वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए 2 से 3 अलग अलग रास्ते है। लेकिन ज़्यादातर केलवण गांव वाला रास्ता ही ज्यादा पसंद किया जाता है।

केलवण गांव व्यारा से 25 किलोमीटर और सूरत से 90 किलोमीटर दूर है। हम इस वॉटरफॉल पहुंचने के लिए सुबह 5 बजे सूरत से निकल गए थे।
सूरत से राजारानी वॉटरफॉल पहुंचने के लिए आप कड़ोदरा से बारडोली होकर व्यारा चले जाइए। या फिर आप पलसाना-सोनगढ़ हाइवे होकर व्यारा से केलवण पहुंचना है।
फिर केलवण गांव से आपका राजारानी वॉटरफॉल का ट्रेक शुरू होगा। यह ट्रेक व्यारा वन विभाग द्वारा हर साल आयोजित किया जाता है। या फिर आप अपने तरीके से भी प्लान कर सकते हो।
याद रखें कि यह वॉटरफॉल घने जंगल के बीच है। इसीलिए अगर आप बिना गाइड के यह ट्रेक करेंगे तो जंगल में बेशक खो जाने का भय है। इसीलिए आप कोई भी लोकल 1 से 2 भाई को साथ में रखकर ही इस वॉटरफॉल का ट्रेक शुरू करें।
राजारानी वॉटरफॉल ट्रेक (Rajarani waterfall trek)
केलवण गांव से आपका राजारानी वॉटरफॉल के लिए चलना (Rajarani waterfall walk) प्रारंभ हो जाता है। यह ट्रेक थोड़ा सा मुश्किल लेवल का है। इसमें आपको कुछ पहाड़ चढ़ने एवं उतरने होंगे। इसीलिए थोड़ा सा स्टैमिना भी चाहिए। इसीलिए वॉकिंग या जॉगिंग द्वारा इसकी प्रैक्टिस एक महीने पहले से ही शुरू कर दे।

राजारानी वॉटरफॉल ट्रेकिंग (Rajarani waterfall trekking) करने का सबसे उत्तम समय मॉनसून का है। केलवण गांव शुरू होने वाले इस ट्रेक में कीचड़ वाला रास्ता भी आएगा। ट्रेक में आगे बढ़ते हुए आप एक पहाड़ की चोटी तक पहुंच जाओगे। अगर आप व्यारा वन विभाग द्वारा इस ट्रेक से जुड़े हुए हो तो इस पहाड़ी पर आपको नाश्ता भी दिया जाएगा। अगर आप अपने तरीके से इस ट्रेक में आए तो यह पॉइंट नाश्ता करने के लिए बेस्ट स्थान है। साथ में यह सबसे ऊंचा पॉइंट होने की वजह से यहां से पूरे इलाके का बहुत ही खूबसूरत पैनोरमिक व्यू देखने को मिलता है। फोटोग्राफी लवर्स के लिए यह पॉइंट बेस्ट है।

नाश्ता और थोड़ा आराम करके आगे बढ़ जाना है। अंत में आप वॉटरफॉल जहां से गिरता है वहां के टॉप पर पहुंच जाएंगे। यहां पर आप नहा भी सकते हो।
फिर आपको वाटरफॉल (Rajarani waterfall) के बेज पर पहुंचने के लिए टॉप से पहाड़ उतरकर नीचे आना होगा। यह रास्ता थोड़ा पथरीला और मुश्किल है। बारिश में यह रास्ता चिकना हो जाने की वजह से स्लिप हो जाने का ज्यादा चांस होता है। इसीलिए आराम से नीचे उतरना है खासकर बच्चों को संभालकर नीचे ले जाना है।

एकबार नीचे बेज पर पहुंचकर आपको वॉटरफॉल का बेहद ही खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेगा। दरअसल यहां पर नजदीक नजदीक से दो वाटरफॉल गिरते हैं। एक वॉटरफॉल छोटा है और एक बड़ा है, जैसे कि राजा और रानी की जोड़ी हो। इसीलिए इसे राजारानी वॉटरफॉल कहा जाता है।
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बड़े वाटरफॉल के नीचे नहाने का मज़ा ही अपने आप में अलग है। इसका पानी जोर से नीचे गिरता है और शरीर पर जोर से लगता भी है। इतनी जोर से पानी गिरने से शरीर का मसाज भी अच्छा हो जाएगा। लेकिन इतनी जोर से पानी शरीर पर गिरने की वजह से आप इसके नीचे लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाएंगे।

वाटरफॉल में नहाने के बाद आपको वापस लौट आना है। वापस आने के भी कई सारे रास्ते हैं। लेकिन आपका गाइड जिस रास्ते पर ले जाए उसको ही फॉलो करना वरना जंगल में गुम हो जाने की संभावना है।
रिटर्न में हम केलवण गांव शाम को पहुंच गए और यहां पर अच्छी सी जगह ढूंढकर साथ में लाए हुए डिनर को एंजॉय किया। फिर वापस हम सूरत लौट गए।
अगर आपने भी कभी राजारानी वॉटरफॉल ट्रेकिंग किया है तो आपका अनुभव नीचे कॉमेंट में हमारे साथ जरूर शेयर कीजिए।
राजारानी वॉटरफॉल Rajarani waterfall FAQs
राजारानी वॉटरफॉल कहा है?
गुजरात के व्यारा जिले में पूर्णा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में केलवण गांव के नजदीक।
राजारानी वॉटरफॉल को और कौन से नाम से जाना जाता है?
पांडार वॉटरफॉल।
सूरत से राजारानी वॉटरफॉल कितना दूर है।
90 किलोमीटर।
राजारानी वॉटरफॉल ट्रेकिंग का डिफिकल्टी लेवल कौन सा है?
राजारानी वॉटरफॉल ट्रेकिंग (Rajarani waterfall trekking) मीडियम से डिफिकल्ट लेवल में आता है।