मुझे पहाड़ों की दुनिया पसंद है। ऐसे में पहाड़ी सौंदर्य के बीच ऐतिहासिक स्थान पर ट्रैकिंग करने को मिले तो और मज़ा आ जाए। ऐसे में हमने प्लान किया सोनगढ़ फोर्ट (Songadh fort) का ट्रैकिंग।
सोनगढ़ फोर्ट को एक्सप्लोर करने के लिए आधे दिन का समय काफ़ी है और सूरत से आप आसानी से हाफ डे पिकनिक की पिकनिक सोनगढ़ के लिए प्लान कर सकते हो।

सूरत से सोनगढ़ फोर्ट कैसे पहुंचे (Surat se Songadh)
सोनगढ़ एक तहसील है जो गुजरात के तापी जिले में पड़ता है। सोनगढ़ सिटी एरिया से सिर्फ एक किलोमीटर दूर सोनगढ़ फोर्ट स्थित हैं।
आधे दिन का ही समय हमारे पास था और अर्जेंट में ही सोनगढ़ के ऐतिहासिक किले को एक्सप्लोर करने का हमने तय किया। सूरत से सोनगढ़ पहुंचना हो तो बेस्ट है कार। सोनगढ़ तक सूरत से बहुत सारी सरकारी बसे भी चलती हैं जिससे भी आप यहां पहुंच सकते हो। लेकिन समय मर्यादित हो तो बेस्ट अपनी कार से सोनगढ़ पहुंचना होता हैं।

तो हमने अपनी कार निकाली और सूरत सिटी से चल पड़े सोनगढ़ की और। सूरत से सोनगढ़ फोर्ट 90 किलोमीटर की दूरी पर है और पलसाणा धूलिया हाइवे टच है।
सोनगढ़ फोर्ट के बेस पर ही हमने अपनी कार पार्क कर दी। बेस से सोनगढ़ फोर्ट की सीढ़ियों तक कार जा सकती हैं लेकिन रास्ता अच्छा नहीं है। हमारे पास सेडान कार थी जो नीची होती है। इसीलिए ऊपर तक कार ले जाने का रिस्क हमने लिया नहीं और सोचा कि इतनी ट्रैकिंग आज अधिक कर लेते है।
सोनगढ़ फोर्ट की ट्रैकिंग शुरू (Songadh fort trekking)

सोनगढ़ फोर्ट पहुंचने के लिए आप कच्ची सड़क जहां से बाईक चलती हैं उसी रस्ते से भी जा सकते हो जो सर्पाकार है। और इसी सर्पाकार रस्ते को कनेक्ट करता हुआ शॉर्ट कट रास्ता भी है। लेकिन इसमें ढलान ज्यादा होती हैं। हमने शॉर्ट कट रास्ता पसंद किया।
अभी वर्षाऋतु का आगमन हुआ नहीं था इसीलिए गर्मी बहुत थी। साथ में सोनगढ़ फोर्ट तक पहुंचने का ट्रैक का शॉर्ट कट सीधी ढलान वाला था। ट्रैक करते करते तन बदन पसीना पसीना हो गया, थकान बहुत लग रही थी।
सोनगढ़ फोर्ट के अंदर क्या है (Songadh fort explore)
फाइनली हम सोनगढ़ फोर्ट तक पहुंच गए। यह किला मराठा साम्राज्य के दौरान गायकवाड़ी शासन का मुख्य थाना था। 300 साल पुराना सोनगढ़ फोर्ट अब खंडहर बन चुका था। लेकिन पिछले कुछ सालों में सरकार ने यहां टूरिज्म को उत्साह देने हेतु इसका पुनर्निर्माण किया। तो आप जो यह किला देख रहे हों वह रिस्टोर होने के बाद का है।
किले के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही दोनों साइड दो तोप रखी गई है। सीमेंट से बनाई गई यह निकली तोप है। लेकिन कुछ सालों पहले यहां असली तोप भी मिली थी जो चर्चा का विषय बना था।
सोनगढ़ फोर्ट छोटा है लेकिन खूबसूरत है। ऊपर से आपको एकतरफ सोनगढ़ सिटी का व्यू और हाइवे का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। और दूसरी तरफ कुदरती सौंदर्य से भरपूर जमीन का नज़ारा दिखाई देता है।

फोर्ट में इंटर होते ही राइट साइड पर शिवजी और साथ में खंडेराव महाराज का मंदिर है। लेफ्ट साइड पर दरगाह और पास में महाकाली माता का मंदिर है। मंदिर में हमने भगवान् के दर्शन किए और आगे चल पड़े फोर्ट को एक्सप्लोर करने। फोर्ट में एक अम्बे माता का मंदिर भी है जहां पर हम नहीं गए थे। यह मंदिर जमीन के अंदर है और एक छोटे से होल में से मंदिर में अंदर जाना पड़ता है।
फोर्ट में आगे चलते अंत में एक व्यू प्वाइंट बनाया गया है जहां से सोनगढ़ सिटी और नेशनल हाइवे 6 का मनोहर दृश्य दिखाई देता है। ठंडी ठंडी पवन चलती है और थोड़ी देर यहां आराम जरूर कीजिए। तन मन फ्रेश हो जाएगा।

इसे भी पढ़े :
धरमपुर में घूमने लायक 5 खूबसूरत जगहें
सोनगढ़ फोर्ट से नजदीक है थूटी नेचर प्वाइंट (Thuti nature point)

शाम हो चुकी थी और अब समय हो गया था वापिस लौटने का। फोर्ट से नीचे उतरकर हमने प्लान बनाया थूटी नेचर प्वाइंट पर जाने का जो उकाई डैम के रिजर्वायर के किनारे है। थूटी नेचर प्वाइंट सिर्फ 12 किलोमीटर दूर हैं सोनगढ़ फोर्ट से।
थूटी नेचर प्वाइंट पर सुंदर पाथ बनाया गया था जो अब टूट गया है। साथ में कुछ दुर्घटना होने के कारण यह प्वाइंट टूरिस्ट के बंद कर दिया गया है। इसीलिए आप यहां पर न जाए।
सोनगढ़ फोर्ट का ट्रैक करके तन मन दोनों फ्रेश हो गए। गुजरात के इतिहास में यह किला कही खो सा गया है। लेकिन जब भी समय मिले इस ऐतिहासिक किले की मुलाकात जरूर ले और इतिहास के पन्नो में थोड़ी सी डुबकी जरूर लगाए।