बफरियो डूंगर ट्रैकिंग | Vyara me Bafariyo Dungar kaise pahunche

एडवेंचर शौकिनों के लिए गुजरात के व्यारा जिले में गौमुख वॉटरफॉल के नजदीक बफरियो डूंगर (Bafariyo Dungar) का ट्रेकिंग बहुत ही प्रख्यात है। व्यारा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा यह ट्रेक आयोजित किया जाता है। बफरियो पर्वत को मुंडो डूंगर के नाम से भी जाना जाता है।

बफरियो डूंगर bafariyo dungar trekking in vyara kaise pahunche

बफरियो डूंगर कैसे पहुंचें? (Bafariyo Dungar kaise pahunche)

बफरियो डूंगर गौमुख वॉटरफॉल के नजदीक ही है। इसीलिए यहां पहुंचने के लिए गौमुख वॉटरफॉल को आप गूगल सर्च कर लेना है। गौमुख वॉटरफॉल सूरत से 100 किलोमीटर की दूरी पर है और सोनगढ़ से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। सूरत से आते हो तो आपको पलसाना सोनगढ़ हाइवे सबसे आसान रहेगा।

हम भी सूरत से सुबह 5 बजे इस बफरियो डूंगर ट्रेक के लिए निकल गए थे। पलसाना से सोनगढ़, कांजी गांव होते हुए गौमुख वॉटरफॉल से पहले जो गेट है वहां पर पहुंच गए। यह पॉइंट गुजरात महाराष्ट्र की बॉर्डर पर पड़ता है।

बफरियो डूंगर ट्रेक रिव्यू (Bafariyo Dungar trekking review)

व्यारा वन विभाग द्वारा आयोजित इस ट्रेक में हम जुड़े थे। इसकी एंट्री फि 500 रुपए प्रति व्यक्ति है अगर आप ऑनलाइन बुकिंग कर हो तो। अगर आप ऑन द स्पॉट बुक करते हो तो 600 रुपए प्रति व्यक्ति है। इस एंट्री फि में सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच और ट्रेक के बीच में आपको फ्रूट, बिस्किट आदि नाश्ता शामिल हैं।

सुबह में 8 बजे हम गुजरात महाराष्ट्र की बॉर्डर पर गौमुख वॉटरफॉल की एंट्री पर जो गेट है वहां पर पहुंच गए। यहां पर हमनें ऑनलाइन रजिस्टर किया हुआ था इसीलिए पास लेकर ब्रेकफास्ट कर लिया।

बाद में व्यारा वन विभाग से आए हुए ऑफिसर ने एक बच्चे के हाथ से ट्रेक का श्रीफल फोड़कर ऑपनिंग किया और हमारा ट्रेक शुरू हो गया। ट्रेक शुरू होते ही गौमुख वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क है। गौमुख वॉटरफॉल से जस्ट पहले लेफ्ट साइड हमने टर्न ले लिया। अब यहां से पूरा जंगल का रास्ता शुरू हो जाता है। आप हमेशा ग्रुप में ही रहे क्योंकि जंगल में खो जाने की संभावना भी है।

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हरे भरे जंगल का रास्ता मजेदार था और पहाड़ चढ़ना थोड़ा मुश्किल भी था। फिर हम करीबन 1 घंटा चलने के बाद एक पहाड़ की चोटी तक पहुंच गए। यहां से पूरे इलाके का बहुत ही खूबसूरत पैनोरमिक दृश्य दिखाई देता हैं। साथ में हल्की हल्की बारिश भी हो रही थी। इससे वातावरण और खुशनुमा हो गया था।

इस पहाड़ की चोटी पर वन विभाग द्वारा हमारे लिए केले, बिस्किट आदि नाश्ता आया था जो हमने किया और थोड़ा आराम करने के बाद अब आगे बढ़ना था।

इस पहाड़ से नीचे उतरना थोड़ा मुश्किल था। क्योंकि रास्ता एकदम छोटा था, साथ में बारिश की वजह से फिसलन भी थी। फिर भी धीरे धीरे हम नीचे उतर गए। जंगल में फिर आगे बढ़ते रहे। और बाद में एक छोटा सा लेकिन बहुत ही खूबसूरत वॉटरफॉल आता है। जिसमें हमनें नहाने का खूब आनंद लिया। वॉटरफॉल में नहाने से हमारी थकान भी कम हो गई।

वाटरफॉल में नहाने के बाद नदी के रास्ते हम ट्रेक के बेज पर आ गए जहां पर हम सुबह आए थे। इस ट्रेक में जिस रास्ते से गए थे उसी रास्ते से वापस नहीं लौटना होता है। इसीलिए हमेशा साथ रहे और जो गाइड है उसकी इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें।

बफरियों डूंगर ट्रेक हमारे लिए बहुत ही आनंददायक रहा। करीब हम 2 बजे लौट आए थे। आते ही लंच रेडी था। लंच में पूरी, सब्जी, दाल, चावल, सलाद था जो बहुत ही टेस्टी था।

लंच होने के बाद आप फ्री हो। अगर आपके पास समय है तो आप गौमुख वॉटरफॉल पर भी जा सकते हो जो एकदम नजदीक ही है। अगर आपने कभी यह ट्रेक किया हो तो आपका अनुभव हमारे साथ अवश्य शेयर कीजिए।

बफरियो डूंगर ट्रैकिंग FAQs

बफरियों डूंगर ट्रेक कहा पर है?

व्यारा जिले में सोनगढ़ से 13 किलोमीटर दूर गौमुख वॉटरफॉल के पास जो कांजी गांव के पास है।

बफरियों डूंगर ट्रेक कौन आयोजित करता है?

बफरियों डूंगर ट्रेक हर साल व्यारा वन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। अगर आपके पास कोई लोकल गाइड है तो आप भी अपने ग्रुप में यह ट्रेक कर सकते हो।

बफरियों डूंगर ट्रेक की फि कितनी है?

बफरियों डूंगर ट्रेक व्यारा वन विभाग द्वारा आयोजित होता है। इसका रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करने पर 500 रुपए प्रति व्यक्ति फि देनी होगी। ऑफलाइन यानी कि ट्रेक साइट पर रजिस्ट्रेशन करने पर 600 रुपए प्रति व्यक्ति फि होगी।

बफरियों डूंगर ट्रेक की फि में क्या क्या शामिल होता है?

व्यारा वन विभाग द्वारा बफरियों डूंगर ट्रेक मैनेज किया जाता है इसलिए इसमें सिक्योरिटी की सारी सुविधा होती है। रजिस्ट्रेशन फि में सुबह का नाश्ता और लंच शामिल हैं। साथ में लोकल व्यक्ति गाइड के रूप साथ आते हैं। 2 से 3 पुलिस भी साथ होते हैं। कोई मेडिकल इमरजेंसी हो तो साथ गाइनेकोलॉजिस्ट और 1 से 2 डॉक्टर इस ट्रेक में साथ आते हैं।

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